नक्सलियों के 2.5 एकड़ में हो रही अफीम की खेती नष्ट 

विशेष संवाददाता द्वारा
सरायकेला. सरायकेला जिले में नक्सलियों के मंसूबे लगातार विफल हो रहे हैं. लगातार जिला पुलिस की टीम को नक्सलियों के खिलाफ अभियान में सफलता मिल रही है, यही कारण है कि खतरनाक नक्सली एक करोड़ का ईनामी प्रशांत बोस उर्फ बूढ़ा से लेकर महाराज प्रामाणिक तक आज सलाखों के पीछे जा चुके हैं. हाल के दिनों में जिला पुलिस ने फिर से नक्सलियों को आर्थिक चोट पहुंचाने का काम शुरू किया है. जहां पिछले दिनों कुचाई में बड़ी मात्रा में हो रहे अफीम की खेती (Opium Cultivation ) को नष्ट कर उनकी कमर तोड़ डाली. ताजा मामला सोमवार को प्रकाश में आया जहां पहली बार कांड्रा थाना क्षेत्र के सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में करीब ढाई एकड़ जमीन पर भोले-भाले किसानों को बहला फुसलाकर किए जा रहे अफीम की खेती को नष्ट किया गया.
मिली जानकारी के अनुसार क्षेत्र के सुदूर पहाड़ों की तलहटी में बसे गांव पालोबेड़ा और जंगली खास में अफीम की खेती हो रही थी. मामले का खुलासा तब हुआ जब सरायकेला के एसपी को इसकी गुप्त सूचना मिली. उसके बाद एसपी के निर्देश पर बीडीओ सरायकेला और कांड्रा थाना प्रभारी राजन कुमार के साथ पुलिस दल ने धावा बोला तो पाया कि लगभग ढाई एकड़ जमीन पर अफीम की फसल लहरा रही थी. इसके बाद पहले फसल को नष्ट किया गया, फिर स्थानीय लोगों से जमीन मालिकों के बारे में जानकारी जुटाई गई. जिसमें पुलिस को महेंद्र सोय एवं हाथनदा निवासी टुरु हांसदा की संलिप्तता मिली. दोनों के विरुद्ध कांड्रा थाने में मामला दर्ज कराया गया है.
इस बारे में थाना प्रभारी राजन कुमार ने बताया कि इस तरह की अवैध गतिविधियों पर पुलिस की कड़ी नजर रहेगी. उन्होंने लोगों से भी सहयोग करने की अपील की. छापामारी दल में कांड्रा थाना प्रभारी राजन कुमार के अलावा एएसआई उदय कुमार, आरक्षी जितेंद्र चौहान, चालक आरक्षी रविंद्र कुमार के साथ सैट- 4 के जवान शामिल थे. दरअसल कुचाई क्षेत्र में बढ़ती दबिश के बाद नक्सलियों ने कांड्रा इलाके सुदूरवर्ती क्षेत्र को नया टारगेट बनाया था, अबतक कांड्रा में इतने बड़े मात्रा में अफीम की खेती का खुलासा नहीं हुआ था. मगर कांड्रा पुलिस की रडार में अफीम की खेती आ गयी और सोमवार को पुलिस ने अफीम की फसल को जमींदोज कर नक्सलियों के मंसूबो पर पानी फेर दिया.
बता दें कि नक्सलियों के कहने पर कुछ तस्कर भोले- भाले ग्रामीणों के बंजर भूमि के एवज में मोटी रकम देकर अफीम की खेती कराते हैं और नक्सलियों के ही सह पर राज्य के बाहर भिजवाते है, जिसका बड़ा हिस्सा नक्सलियों के पास पहुंचता है. लेकिन, अब इस कार्रवाई से नक्सलियों के इस सिंडीकेट को तोड़ने का प्रयास किया गया है. पुलिस आने वाले दिनों में ऐसी और भी कार्रवाई कर सकती है.

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